कंप्यूटर क्या है? | What is Computer In Hindi 2023

कंप्यूटर क्या है (What is Computer In Hindi) शायद ही कोई ऐसा होगा जो कंप्यूटर के बारे में ना जानता हो क्योंकि कंप्यूटर अ रोजाना लोगों की दिनचर्या में शामिल होने वाला एक शब्द बन गया है जिसका लोग हर दिन हर मिनट इस्तेमाल करते हैं आज कंप्यूटर कोई साधारण चीज नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हर जगह इसका इस्तेमाल हो रहा है और इसने आधुनिक युग को बिल्कुल बदल दिया है

लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग है जो कंप्यूटर क्या है (Computer In Hindi) कंप्यूटर के बारे में सही और सुचारु रूप से नहीं जानते है आज हम आपको इस पोस्ट में कंप्यूटर से संबंधित उन सभी सवालों के जवाब देंगे जिससे आप कंप्यूटर के बारे में जान सके।

कंप्यूटर के जनक | Inventory of Computer :

कंप्यूटर के जनक या गॉडफादर चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है इन्होने कंप्यूटर के इतिहास में अपना अहम योगदान दिया है जिसे दुनिया भूल नहीं सकती है। उन्होंने सन 1837 में Analytical Engine का अविष्कार किया जिसे हम आज आधुनिक कंप्यूटर के तौर पर यूज़ करते हैं

कंप्यूटर क्या है? | What is Computer In Hindi :

Computer-एक electronic उपकरण है। जो user से input device के माध्यम से data और instructions (आदेश) प्राप्त करता है। और processing के उपरान्त input device के माध्यम से Information (सूचना) Output के रूप में प्रदान करता है।

कंप्यूटर एक ऐसी मशीन होती है जो चंद सेकेंड में लाखों घटनाएं कर सकती है या लाखों गणनाओं को करने में हमारी सहायता करती है हिंदी भाषा में कंप्यूटर को संगणक के नाम से जाना जाता है कंप्यूटर का मुख्य कार्य यूजर्स के द्वारा दिए गए डाटा को अपने स्टोरेज में सुरक्षित करना और आवश्यकता पड़ने पर उसे अपने यूजर को आउटपुट के रूप में प्रदान करता है यूज़र के द्वारा दिए गए डाटा को प्रदर्शित करने के लिए कंप्यूटर में अनेक क्रियाये होती हैं जिसे कंप्यूटर की भाषा में प्रोसेसिंग (Processing) कहा जाता है।

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कंप्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा | Defination of Computer :

कंप्यूटर शब्द का अर्थ अंग्रेजी शब्द के कंप्यूट (Compute) शब्द से बना हुआ है, जिसका मतलब होता है गणना करना – यह एक कंप्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा Defination of Computer:कंप्यूटर शब्द का अर्थ अंग्रेजी शब्द के कंप्यूट (Compute) शब्द सेना हुआ है जिसका मतलब होता है गणना करना – यह एकइलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जो प्राप्त सूचनाओं को प्रदान किए गएनिर्देशों के अनुरूप उसका विश्लेषण कर अत्यंत सरल और विश्वसनीयपरिणाम प्रस्तुत करती है कंप्यूटर एक क्रिया विधि की तरह काम करतीहै जिसे इनपुट के रूप में ग्रहण करना और उसका प्रोसेस करके आउटपुट के रूप में सूचना प्रदान करना होता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म | computer Full Form :

कंप्यूटर का फुल फॉर्म ( Full Form of Computer) अनेकों रूप में प्रस्तुत किया जाता है हालांकि अभी तक कंप्यूटर शब्द का फुल फॉर्म कहीं भी प्रमाणित नहीं है लेकिन कुछ Fact के आधार पर इसे निम्न प्रकार के नामों से पुकारा जाता है जो शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग में लाई जाती है।

C – Commonly
O – Operated
M – Machine
P – Particularly
U – Used for
T – Teaching
E – Education
R – Reasearch

कंप्यूटर के विकास का संक्षिप्त इतिहास | History of Computer :

कंप्यूटर के विकास का इतिहास तो बहुत ही पुराने समय से है लेकिन अभी आधुनिक कंप्यूटरों का अस्तित्व सिर्फ 70 साल ही हुए हैं लेकिन कंप्यूटर का जो रूप हम आजकल देख रहे हैं वह अचानक ही नहीं हुआ बल्कि इसके पीछे हजारों वर्षों से वैज्ञानिक खोज और उनके परिश्रम का नतीजा है

वैज्ञानिकों के मतों के अनुसार जब से मनुष्य ने गिनना सीखा है तब से वैज्ञानिकों का यही प्रयास रहा था की गणना करने के लिए कौन से ऐसे यंत्रों या फिर उपकरणों का निर्माण या आविष्कार किया जाए जो आने वाले हमारे पीढ़ियों के लिए आसान बन जाए जिसके लिए संख्या पद्धति के आधार पर भारतीय विद्वानों ने 0 शब्द का आविष्कार भी किया था इसके बाद मानवजाति के लिए संख्याओं का महत्व बहुत बढ़ गया लेकिन समय के साथ इसमें टेक्नोलॉजी के साथ बहुत से ऐसे उपकरण बनाए गए थे जो पुराने कंप्यूटरों के अस्तित्व में आने के लिए वरदान साबित हुए।

1. गिनतारा – यह सबसे पहला और सबसे सरल यंत्र था जो वैज्ञानिकों के द्वारा गणना करने के लिए बनाया गया था इसका इतिहास बहुत पुराना है गिनतारा आज भी अपने प्रारंभिक रूप में ही रूस जापान चीन पूर्व एशिया के देशों तथा भारत में भी कुछ स्कूलों में प्रयोग किया जाता है गिनतारा यह एक आयताकार लकड़ी का ढांचा होता था जिसमें छड़ी लगी होती थी और उनमें दाने लगे होते थे जो उनके मानकों के आधार पर गणना करने के लिए उपयोग में लाए जाते थें।

2. नेपियर बोन – सन 1617 में एक महान गणितज्ञ द्वारा एक ऐसी – आयताकार पट्टी का निर्माण किया गया था जिसकी सहायता से गुणा करने की क्रिया में शीघ्रता पूर्व और शुद्धता पूर्वक रिजल्ट हासिल किया जा सकता था यह पटिया जानवरों की हड्डियों से बनी होती थी जिसे नेपियर बोन कहा जाता है जिस पर क्रमशः 0 से 9 तक के पहाड़े इस तरीके से लिखे जाते थे कि यह पट्टी के दहाई के अंक दूसरी पट्टी के इकाई की अंक के पास आ जाते हैं इस पट्टियों का विवरण और उपयोग नेपियर के मौत के बाद संसार के सामने आया था।

3. पास्कल का गणना यंत्र – सन 1642 में फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल के द्वारा गणना करने वाला पहला वास्तविक यंत्र बनाया गया था जिसे पास्कल का केलकुलेटर भी कहा जाता है इस मशीन का प्रयोग संख्याओं को जोड़ने और घटाने में किया जाता है।

4. लेबनीज का यांत्रिक कैलकुलेटर – जर्मन गणितज्ञ लेबनीज के द्वारा 1671 में पास्कल के कंप्यूटर में कई सुधार करके एक ऐसी जटिल मशीन का निर्माण किया गया जो जोड़ने तथा घटाने के साथ- साथ गुणा और भाग करने में भी समर्थ थी और इस यंत्र से गणनाये बहुत तेजी से होती थी।

5. बैबेज एनालिटिक इंजन – बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है उन्होंने अपनी उपयोगिता से ऐसे यंत्र की रूपरेखा तैयार की जो आजकल के कंप्यूटरों के समक्ष प्रस्तुत है और यह एनालिटिक इंजन के नाम से जाना जाता है।

6. पंच कार्ड – शुरुआती दिनों में जितने भी गणना यंत्र बनाए गए उनमें संख्याओं को डायल करने के लिए दानेदार यन्त्र को हाथ से घुमाया जाता था लेकिन चार्ल्स बैबेज ने पहली बार यह सोचा की संख्या पढ़ने का कार्य छेद किए हुए कार्य द्वारा भी किया जा सकता है यह विचार उन्हें जैकेट की बुनाई मशीन से प्राप्त हुआ था फिर आईबीएम कंपनी ने अपनी विशेष पंचिंग मशीन का उत्पादन किया जो एक निर्धारित आकार के कारण ओपन निर्धारित स्थानों पर चित्र करके सूचनाएं अंकित करती थी हालांकि इनका उपयोग आधुनिक युग में बिल्कुल बंद हो चुका है क्योंकि यह बहुत ही महंगे आते थे।

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कंप्यूटर की पीढ़िया | Generation of Computer :

कंप्यूटर की पीढ़ियो को 5 भागो ( Generation) में बांटा जाता है। इन पीढ़ियों में विभिन्न Technology का प्रयोग हुआ। जिससे first generation fifth generation ach computer fan size और cost लगातार घटती गई।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर – प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर 1949 से 1955 तक प्रचलन में थे। जिसमें Vacuum tube, technology का प्रयोग किया गया। यह आकार में बहुत बड़े होते थे। इसमें machine और assembly language प्रयोग की जाती थी । (Example- उदाहरण :- EMIAC, IBM – 700, EDVAC, UNIAC

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर – द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर 1959 से 1965 तक प्रचलन में थे। जिसमें Transistor technology प्रयोग किया गया। इसमें Assembly और high level language प्रयोग की जाती थी। (Example- उदाहरण :- IBM, 1620, Mark-1

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर – तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर 1966 से 1975 तक प्रचलन में थे। जिसमें Integrated circuit (SSI and MSI) technology का प्रयोग हुआ। इसमें High level language प्रयोग की जाती थी। (Example उदाहरण :- IBM-360

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर – चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर 1976 से 1990 तक प्रचलन में थे। जिसमें IC (LSI) technology का प्रयोग हुआ। इसमें High level language and 4GL प्रयोग की जाती थी। (Example- उदाहरण :- CRAY

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर – पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर 1991 से अब तक चल रहा है। जिसमें IC(SLSI) प्रयोग किया गया है। Artificial intelligence language LISP और Prolog प्रयोग की जाती है।

कंप्यूटर की विशेषताएं | Characteristics Of Computer :

Speed – कंप्यूटर के कार्य करने की गति बहुत तेज होती है। कंप्यूटर Micro second (10 second), Nano second (10 Second ) और Pico second ( 10 second) में अपने कार्यों को करता है। Computer कि processing speed को Hz (हर्टज) में मापा जाता है।

Accuracy – यदि यूजर या कंप्यूटर ऑपरेटर ठीक से कार्य करता है और कंप्यूटर में कोई खराबी नहीं है तो कंप्यूटर जो भी सूचना प्रदर्शित करता है वह 100% शुद्ध होती हैं उसमें कोई त्रुटि नहीं हो सकती है। अगर यूजर के द्वारा गलतियां ना हो तो।

Storage – कंप्यूटर की अपनी स्टोरेज क्षमता होती है और वह बड़े से बड़े और पुराने से पुराने आंकड़ों को भी अपने स्टोरेज क्षमता में से निकालकर यूजर को प्रस्तुत कर सकती है।

Versatiliy – कंप्यूटर के उपयोग अलग-अलग रूप में अलग-अलग जगहों पर किया जाता है। आज के युग में इससे कोई भी इंडस्ट्री छूटा नहीं है।

Diligence – कंप्यूटर दिन के 24 घंटे और साल के 365 दिन लगातार कार्य कर सकता है।

Automatcy – कंप्यूटर को एक बार आदेश देने के बाद कंप्यूटर बिना रुके कार्य करता रहता है जब तक कार्य सम्पन्न नहीं हो जाता।

कंप्यूटर की सीमाएं | Limitations of Computer :

NolQ – कंप्यूटर के पास अपने सोचने समझने की शक्ति नहीं होती । यह सिर्फ उतना ही कार्य कर सकता है जितना पहले से program करके इसे बताया गया है।

NO Feeling – मनुष्य की भाति इसके पास feeling (महसूसकरने की क्षमता) नहीं होती।

Require AC – जब computer कार्य करता है तो उसमें से गर्मी निकलती है। ज्यादा गर्म होने पर कंप्यूटर हैंग या फिर गलत उत्तर दे सकता है, speed slow हो सकती है या यह बंद हो सकता है। इसलिए इसे ठंडा करने के लिए AC की आवश्यकता पड़ती है।

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कंप्यूटर का उपयोग | Uses of Computer :

आजकल कंप्यूटर का उपयोग लगभग सभी क्षेत्र में हो रहा है और कंप्यूटर विभिन्न कार्यों को एक साथ करने में सक्षम भी होती है इसलिए लगभग इसका क्षेत्र और दायरा सभी जगह पर है शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जहां पर कंप्यूटर का उपयोग ना होता हो।

1. शिक्षा के क्षेत्र में – कंप्यूटर का सबसे अधिक उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा है जबसे मल्टीमीडिया टेक्नोलॉजी का आगमन हुआ है। तब से शिक्षा के क्षेत्र में इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है आजकल सभी स्कूलों कॉलेजों में कंप्यूटर के द्वारा ही पढ़ाई कराई जाती हैं क्योंकि अब किताबों की स्टोरेज कैपेसिटी को हैंडल करने के लिए कंप्यूटर सबसे आसान और सबसे सटीक उपकरण है।

2. मनोरंजन के क्षेत्र में – मल्टीमीडिया के उपयोग से मनोरंजन के क्षेत्र में भी कंप्यूटर का उपयोग एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हुआ है कंप्यूटर एनीमेशन और अन्य ऐसे बहुत से उदहारण है जो 3D एनीमेशन का उपयोग करके हमारे इतिहास के सभी कहानियों और उनके चित्रों को एनीमेशंस के रूप में सुंदर और आकर्षित रुप में प्रदर्शित करता है।

3. व्यवसाय के क्षेत्र में – कंप्यूटर का प्रभाव व्यवसाय के क्षेत्र पर सबसे अधिक पड़ा है बैंकिंग क्षेत्र हो या शेयर बाजार लगभग सभी जगहों पर कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है एकाउंटिंग, ई-कॉमर्स, इन्वेंटरी, इत्यादि ऐसे बहुत से फील्ड है जहां पर कंप्यूटर के द्वारा ही सैकड़ों आदमियों का काम सिर्फ एक कंप्यूटर के द्वारा किया जाता है।

4. चिकित्सा के क्षेत्र में – स्वास्थ्य चकित्सा के क्षेत्र में भी कंप्यूटर एक वरदान साबित हुआ है इस क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग औषधि निर्माण एवं उपचार एवं जांच आदि सभी स्थानों पर प्रयोग में लाए जाते हैं बड़े से बड़े जांच के निदान हेतु कंप्यूटरों के उपकरण का उपयोग किया जाता है।

5. मौसम विज्ञान – मौसम विज्ञान के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत अधिक उपयोग होता है जैसे वायुदाब, बादलों की स्थिति, गति, दिशा, ऊंचाई, आंधी तूफान इत्यादि का पता लगाने में भी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है।

कंप्यूटर के लाभ | Advantage of Computer :

अगर इसका सही से उपयोग किया जाए तो कंप्यूटर के बहुत ही लाभ है

1. कुशल गणना स्तर- कंप्यूटर साधारण अंकगणितीय से उच्च स्तरीय वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग गणना एवं तुलना कर सकता है यह मानव की अपेक्षा अधिक शुद्ध और विश्वसनीय दक्षता पूर्ण कार्य करने में सक्षम होता है।

2. नेटवर्किंग – कंप्यूटर विभिन्न संसाधनों जैसे फाइलों को साझा करना, समय की बचत करना, बैंकिंग सुविधाओं का विश्लेषण करना इत्यादि आदि सभी कार्य नेटवर्क कनेक्शंस के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से ही किए जाते हैं।

3. सुरक्षा – कंप्यूटर पर उपयोगकर्ता द्वारा सुरक्षा के लिए पासवर्ड तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जो अपने फाइलों को सुरक्षित रख सकता है और वह उन्हें चोरी होने से बचा सकता है।

कंप्यूटर के हानि | Disadvantage of Computer :

■⁠ कंप्यूटर स्वयं अपने आप कार्य नहीं करता इसे निर्देश देने के लिए प्रयोगकर्ता की जरूरत होती है और वह सिर्फ उसी पर ही निर्भर रहता है।

■⁠ कंप्यूटर स्वयं त्रुटियों को सही नहीं कर सकता इसके लिए यूजर को ही अपना समय देना पड़ता है।

■⁠ कंप्यूटर नियमित कार्य करें इसके लिए विद्युत आपूर्ति या फिर बिजली चलाना बहुत ही आवश्यक है बिना इसके यह कार्य नहीं कर सकता है।

■⁠ कभी-कभी यह देखा जाता है कि मैन्युअल कार्य की अपेक्षा कंप्यूटर का कार्य करने में अधिक समय लगता है।

■⁠ कंप्यूटर में मानसिक क्षमताओं की कमी होती है वह सोच नहीं सकता है इसके अंदर भावनाएं अथवा सूचनाएं नहीं होते नैतिक मूल्यों को समझने के लिए उसके पास कोई क्षमता नहीं होती और विभिन्न प्रकार के डाटा में भेदभाव नहीं कर सकता है।

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कंप्यूटर के प्रकार क्या है ? | Types Of Computer :

Computer मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं।

1. Analog computer- इसमें वास्तव में गणनाऐं नहीं होती बल्कि किसी पटरी के सरकने से चक्के के घूमने से गणनाऐं की जाती हैं। गणना शुद्ध नहीं होती हैं। उदाहरण वनियर कैलिपर्स, स्कूगेज, पेट्रोल पम्प की पुरानी मशीन आदि।

2. Digital Computer- इसमें गणना वास्तव में होती है और शुद्ध होती है उदाहरण स्वरूप हमारा कंप्यूटर।

3. Hybrid Computer- इस प्रकार के computer का आधा हिस्सा Analog तरीके से कार्य करता है और आधा digital तरीके से। उदाहरण -भार नापने की मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन आदि।

■⁠ Digital Computer चार प्रकार के होते हैं-

1. Super computer – बहुत अधिक क्षमता वाले computer जिसमें एक से ज्यादा Processor RAM और Hard Disk लगे रहते हैं। इनकी सहायता से सेटेलाइट को संचालित किया जाता है, मौसम की जानकारी ली जाती है, Radar system को संचालित किया जाता है। हर एक देश के पास गिनती के Super Computer होते हैं Param भारत का पहला Super Computer है।

2. Main frame Computer- मेनफ्रेम कंप्यूटर बड़ी-बड़ी organization मैं सेकंडों user के एक साथ कार्य करने के लिए प्रयोग किए जाता है।

3. Mini computer- मिनी कंप्यूटर छोटी organisation में 10- 20 यूजर के एक साथ कार्य करने हेतु प्रयोग किए जाता है।

4. Micro computer- इसे पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है। इस पर एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है। आज कल नेटवर्किंग के द्वारा अनेकों माइक्रो कंप्यूटर को आपस में जोड़कर मिनी या मेनफेस कंप्यूटर की तरह प्रयोग में लाया जाता है जिससे अनेकों यूजर एक साथ ही कार्य कर सकें और डाटा को साझा कर सकें Desktop, Laptop, Palmtop आदि माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण हैं।

निष्कर्ष :

हम आशा करते है कि कंप्यूटर क्या है What is Computer in Hindi, कंप्यूटर का फुल फॉर्म Computer Ka full Form, कंप्यूटर का इतिहास History Of Computer, कंप्यूटर की पीढ़िया Generation Of Computer, कंप्यूटर के प्रकार Types Of Computer, आदि सभी प्रकार के जवाब मिल गए होंगे अगर आपका अभी भी कोई सवाल है तो हमें कमेंट करके पूछ सकते है अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे ताकि उन्हे भी कंप्यूटर से रिलेटेड सभी सवालो के जवाब मिल जाये।

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